

दुर्ग जिले के अंडा थाना क्षेत्र में स्थित शैलदेवी महाविद्यालय के स्टूडेंट ने आज कलेक्ट्रेट में पहुंचकर अवैध वसूली और मूल्यांकन में भेदभाव के आरोप लगाए हैं उनका कहना है कि B.Ed के छात्रों के साथ डायरेक्टर रंजन दुबे के द्वारा शैक्षणिक भ्रमण के नाम से प्रति छात्र 6 हजार रुपए लिया जा रहा था,, पालकों ने इसका विरोध किया और महाविद्यालय में शिकायत की बात कही,,, इसके बाद छात्रों से लिए गए फीस को कॉलेज द्वारा वापस किया गया व छात्रों के परीक्षा परिणाम में बदलाव लाते हुए नियमित छात्रों को आंतरिक मूल्यांकन में केवल पासिंग नंबर ही दिया गया जबकि अनियमित छात्रों को 95% अंक दिए गए,,
आपको बता दे की B.Ed एक नियमित कोर्स है जिसमें शैलदेवी महाविद्यालय में कुल 100 सेट दिए गए हैं जिसमें से 50% नियमित छात्रों को और बाकी के 50% और अनियमित छात्रों के लिए रखा गया है,, छात्रों का आरोप है कि प्रत्येक अनियमित छात्र से डेढ़ लाख रुपये वसूली की गई साथ ही नियमित छात्रों पर दबाव बनाया गया कि वह भी अनियमित होकर डेढ़ लाख रुपए जमा करें,,, एडमिशन के दौरान डोनेशन के रूप में 2 लख रुपए अनियमित छात्रों से लिए और उन्हें आंतरिक मूल्यांकन में 95% अंक दिए,, और जिन छात्रों ने महाविद्यालय की शिकायत की उन्हें मूल्यांकन में न्यूनतम अंक प्रदान किया,, b.ed के इन स्टूडेंट का कहना है कि शिक्षा विभाग की एचओडी डॉ रजनी राय के द्वारा b.ed की सीटों की कालाबाजारी के साथ ही शैक्षणिक भ्रमण के नाम पर छात्रों से अवैध वसूली की जारी है और पैसे नहीं देने की स्थिति में उन्हें अपमानित किया जा रहा है,, छात्रों ने भविष्य के साथ हो रहे इस खिलवाड़ पर जांच कर महाविद्यालय के डायरेक्टर रंजन दुबे एवं रजनी राय के ऊपर कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है,, छात्रों का कहना है कि अगर उनके साथ न्याय नहीं हुआ तो उनके पास आत्महत्या के सिवा कोई और विकल्प नहीं है,,,
