एक ओर भारतीय सैनिको के रूप में, दूसरी ओर पाकिस्तान की सीमा पर काले कपड़ों में सैनिक के रूप बच्चे, मनमोहक प्रस्तुति के साथ मनाया गणतंत्र दिवस


दल्लीराजहरा गणतंत्र दिवस के अवसर पर दल्लीराजहरा नगर के निर्मला सीनियर सेकेंडरी स्कूल, में बड़े गरिमामय ढंग से कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि कई सम्मानों से सम्मानित छत्तीसगढ़ रतन डॉ शिरोमणि माथुर रहीं। कार्यक्रम का शुभारंभ बड़े गरिमामय ढंग से किया गया। डॉ माथुर का वाद्य यंत्रों की मधुर ध्वनि गीतों के साथ कार्यक्रम स्थल शाला की प्राचार्य सिस्टर जोसिया मेरी कैथोलिक चर्च के फॉदर जोशी अब्राहम जी एवं पुष्पा अस्पताल के डॉ. , सिस्टर एंसली फासिंस, शाला के उप प्राचार्य सिस्टर लीना फासिंस व अन्य स्टाफ व बच्चों की टुकड़ी लेकर आए। झंडा फहराने के बाद राष्ट्रगान गाया गया। और कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
यहां के कार्यक्रम की विशेषता अलग ही थी, यहां भारत व पाकिस्तान की सीमा वाघा बार्डर पर बने द्वार को बनाया गया था, एक ओर भारतीय सैनिको के रूप में बच्चें खड़े थे, दूसरी ओर पाकिस्तान की सीमा पर काले कपड़ों में सैनिक रूप में बच्चें खड़े थे। दोनो ओर के सैनिकों में युद्ध भी दिखाया गया, जिसमें एक भारतीय सैनिक शहीद हो जाता है। उस सैनिक को भारतीय सैनिकों द्वारा अपने कंधो पर उठाकर लाते है- बड़ा ही मार्मिक दृश्य था। सभी दर्शकों की आँखे नम हो गई। फिर भारतीय सेना ने भारी युद्ध किया, और पाकिस्तानियों को मार भगाया। वाघा बार्डर व अटारी बार्डर दोनो की सीमा के युद्धो व शहीदो को याद किया गया। शहीद की पत्नी व माता को सम्मानित किया गया। बच्चों का यह नाटक बहुत ही अद्वितीय था।
डॉ. शिरोमणि माथुर ने अपने ओजस्वी भाषण में बच्चों को पढ़ाई, देश व समाज के प्रति प्रोत्साहित किया। उन्होने बच्चों से कहा- यहीं समय है, जब आप पढ़ सकते हो. आगे तो जीवन दुनियादारी में चला जाता है, उन्होने अपने उद्बोधन में अभी नहीं, तो कभी नहीं’ का नारा दिया, और बच्चों को समझाया कि व्यवहार से व्यापार चलता है। मीठा बोलने वाला मिर्च भी बेच लेता है। और कड़वा बोलने वाला मदरस (शहद) भी नहीं बेच पाता। अब बच्चें पढ़ाई के साथ-साथ व्यवहार करना भी सीखें।
कायक्रम में सैकड़ों की संख्या में बच्चे, पालकगण, नागरिकगण व शाला के स्टॉफ व टीचर्स थे। विशेष रूप से श्रीमती एलिजाबेथ रत्नेश, रीता फर्नाडीज, निर्मला टीचर, विनी वर्गिस मार्डन डांस एकेडमी के संचालक श्री विजय बोरकर, कराटे सर, लखनलाल साहू, पार्थ माथुर, मनोज पाटिल व अन्य नागरिकगण कार्यक्रम में उपस्थित रहें।
इसके पूर्व डॉ शिरोमणि माथुर ने गौतम नर्सिंग कॉलेज चिखलाकसा दल्लीराजहरा में भी झंडा फहराया। वहां के प्राचार्य श्री रविन्द्र चंद्राकर, डायरेक्टर डॉ अनिल गौतम, उप प्राचार्य श्री आयुष व समाज सेवी राघवेन्द्र शर्मा, नागरिक गण व अध्ययनरत छात्र-छात्राएं रही। डॉ. माथुर ने अपने प्रेरक उत्बोधन में छात्रों को समाजसेवा के लिए प्रेरित किया। और कहा कि आप पढ़ाई पूरी करके मानव सेवा को अपना लक्ष्य बनाना, आपके पास पैसा बरसेगा। यदि पैसा कमाने की चिंता करोगे तो कम पैसा आएगा। मानवीय संवदनाएं बनाए रखे, उन्होने कहा- पैसे से मिलती दवा, दुआ न हाट विकाय। आप सब दुआएं कमाएं।
इस अवसर पर गौतम नर्सिंग कॉलेज के प्राचार्य श्री रविन्द्र चंद्राकर को डॉ. माथुर ने कमला मोटर्स दुर्ग द्वारा बनवाया हुआ व अपने फोटोयुक्त चांदी का सिक्का भेंट स्वरूप दिया, उनका कहना था, राजहरा के विकास में यह कॉलेज अहम भूमिका निभाएगा। इसलिए यह सम्मान स्वरूप है।
इसी तरह निर्मला स्कूल की प्राचार्या सिस्टर जोशिया मेरी को श्रीमती माथुर ने पुस्तकों का सेट मेरा दल्लीराजहरा जो कि गोल्डन बुक वर्ल्ड रिकार्ड व वर्ल्ड वाईड बुक रिकार्ड के प्रमाण पत्र प्राप्त पुस्तक भेंट दी, और बच्चों को प्रोत्साहन राशि दी। स्कूल की प्राचार्या ने भी स्मृति चिन्ह देकर डॉ माथुर को सम्मानित किया। इस अवसर पर कॉलेज व स्कूल के प्रतिभावान छात्रों का सम्मान माथुर के द्वारा किया गया
