पसरा मौत का अंधेरा, जनप्रतिनिधि सोए कुंभकर्णी नींद , क्या केवल वोट की गिनती मात्र है आम आदमी


भिलाई का सबसे पास इलाका रिसाली में पसरा मौत का अंधेरा, जनप्रतिनिधि सोए कुंभकर्णी नींद में, क्या केवल वोट की गिनती मात्र है आम आदमी, स्वास्थ्य विभाग की एम्बुलेंस और डायल 112 क्या स्वयं है यमराज के दूत, पूछता है भिलाई…..
रिसाली। नेवई थाना से महज 1 किलोमीटर दूरी और एक्सीडेंट में तड़पता इंसान खून से लथपथ पड़ा सड़कों पर जनप्रतिनिधियों को गया कॉल पर नहीं आया कोई भी रिस्पांस जबकि ये दुर्घटना रात 9 से 10 बजे के आस पास हुआ जब ज्यादातर लोग जागते रहते हैं आपातकालीन सेवा एंबुलेंस को भी मौके पर कॉल किया गया
घटना को 1 घंटे बीत गए लेकिन नाही आपातकालीन सेवा एंबुलेंस वहां पर पहुंची और ना ही मेयर का कोई भी जवाबी कॉल आया यह घटना जिस जगह पर हुई वह उतई से दुर्ग भिलाई जाने वाले रास्ते पर हुई जहां से मेयर का कार्यालय और घर बेहद करीब था इसलिए स्थानीय लोगों ने मेयर के पति को कॉल करने की कोशिश की कॉल गया भी लेकिन वहां से कोई भी जवाब भी कॉल नहीं आ पाया।
आपको बता दें कि जिस सड़क पर एक्सीडेंट हुआ नेवई थाना से काफी कम दूरी पर स्थित था आपको बता दें जिस जगह पर एक्सीडेंट हुआ वहां पर एक भी स्ट्रीट लाइट पूरी सड़कों पर नहीं है खून से लथपथ घायल युवक ने बताया कि वह उतई से नेहरू नगर जा रहा था युवक ने अपना नाम सन्नी बताया और वह नेहरू नगर का रहने वाला व्यापारी है युवक ने बताया कि रास्ते में एक भी सड़क लाइट नहीं होने के कारण गाय उसके सामने से अचानक निकली और एक्सीडेंट हो गया अंधेरे में गाय उसे नहीं दिखी लेकिन उससे बचाने के चक्कर में ब्रेक लगायी
जिससे कि युवक सड़क पर गिर गया और अपनी ही बाइक के नीचे दब गया सड़क पर घुप अंधेरा था अगर कोई भारी वाहन ट्रक या बस जैसा कोई वाहन वहां से गुजरता तो उसे यह युवक और बाइक नजर नहीं आती और मौके पर उस युवक की जान चली जाती लेकिन जैसे ही यह दुर्घटना हुई आसपास के स्थानीय लोगों को इसकी आवाज आई और उन्होंने जाके बाइक के नीचे फंसे युवक सन्नी को उठाया और सड़क किनारे ले जाकर बैठाया युवक के सिर से बहुत अधिक मात्रा में खून बहता जा रहा था लोगों ने एंबुलेंस को कॉल किया एक घंटा से अधिक समय हो गया स्थानीय लोगों ने वेट किया जनप्रतिनिधि को भी कॉल किया लेकिन ना ही आपातकालीन सेवा एंबुलेंस वहां पर पहुंची और ना ही 112 का कोई गस्त पेट्रोलिंग टीम की गाड़ी वहां पर पहुंची ना ही जनप्रतिनिधियों ने कॉल उठाना उचित समझा। घायल युवक के मोबाइल को उससे लेकर उसमें उसके घरवालों का नंबर खोज कर उन्हें कॉल किया गया और इस घटना की जानकारी दी जिसके बाद युवक का भाई घटनास्थल पर पहुंचा और उसे हाइटेक हॉस्पिटल में लेकर गया। सवाल यह है कि सड़कों पर छाया घुप अंधेरा जब किसी की जान ले लेगा क्या तभी सिस्टम और जनप्रतिनिधि जागेंगे।
