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चोरी की रेल पटरी खरीदी बिक्री मामला: RPF पर बड़े नामों को बचाने का आरोप…

भिलाई के आर्यनगर कोहका स्थित कबाड़ी कारोबारी ललित साहू के घर आरपीएफ के TI विकास तिवारी और सहकर्मी बिना वारेंट घुसे और घर का कोना कोना छान मारा लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा ललित की पत्नी और बेटों का कहना है कि फसाने के लिए आरपीएफ ने सारी ताकत झोंक दी, पिछले कुछ दिनों से डर के कारण ललित घर नही आया और लापता है।

पूरे मामले में गंभीरता पूर्वक जांच कर दोषियों पर कानूनी कार्यवाही की मांग ललित साहू के परिवार ने की है। सुपेला काफी हाउस में एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर ललित की पत्नी अनुसुइया साहू उनके पुत्र तोरण साहू और उमेश साहू ने जानकारी दी और उचित कार्यवाही की मांग भी की।

मामला कुछ दिनों पूर्व का बताया जा रहा है जिसमें रेलवे की पटरी की खरीदी बिक्री की जानकारी मिली। प्रेस वार्ता में ललित साहू की ओर से जो विज्ञप्ति जारी की गई उसमें बताया गया कि किसी अमित गुप्ता नामक व्यक्ति ने RPF को यह बयान दिया है कि रेलवे की पटरी को चोरी करके ललित साहू को बेचा गया जबकि ललित साहू ने ऐसे किसी भी व्यक्ति को पहचानने से मना किया और किसी भी प्रकार का व्यवसायिक व्यवहार नहीं होना बताया। विज्ञप्ति के हिसाब से ललित मन्नू गुप्ता नाम के व्यक्ति को जानते हैं जिससे लोहा टीना और स्क्रैप का सामान खरीदते थे जिनके संबंध में समस्त दस्तावेज उपलब्ध होना बताया। लेकिन रेलवे की किसी भी संपत्ति या पटरी को कभी नहीं खरीदा गया। जानकारी खंगालने पर उन्हें पता चला कि अमित गुप्ता नामक व्यक्ति पूर्व में हत्या में शामिल आरोपी रहा और जेल में सजा भी काटी वर्तमान में वह लोहे और स्क्रैप विक्रय करता है स्क्रैप का सामान छह चक्का वाहन के द्वारा लाया ले जाया जाता है जिसे पंचू और मक्खी नमक ड्राइवर चलाते है ललित साहू ने विज्ञप्ति द्वारा दो नाम का जिक्र किया है जिसका व्यावसायिक संबंध अमित गुप्ता के साथ बताया यह दो नाम है संतोष गोयल और अंकित ठाकुर जिनकी कंपनी अकलोर डीह तलाब के सामने बताया जहां अमित गुप्ता अपने माल को विक्रय करता और रखवाता भी है। ललित साहू एवं उनके परिवार ने प्रेस वार्ता करके मोबाइल डाटा की जांच करने और उक्त ड्राइवर से पूछताछ करके सभी जानकारी एकत्रित करने की मांग की है और साथ ही RPF पर आरोप लगाते हुए कहा कि RPF चरोदा द्वारा निष्पक्ष रूप से जांच नहीं की जा रही है और अमित गुप्ता नामक व्यक्ति के बयान पर प्रकरण पंजीयन कर बड़े नामों को बाहर आने से बचाया जा रहा है।

 

ललित साहू और उसके परिवार ने मामले की गंभीरता पूर्वक जांच करके दोषियों पर उचित कार्रवाई की मांग की है।

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