

दुर्ग से तीन सौ किलोमीटर दूर दराज बस्तर गरीब आदिवासियों के क्षेत्र में पी वी – 60 यशवंत नगर में श्री राधा विनोद आश्रम है। जो मानव सेवा के लिए समर्पित है। इस आश्रम का उद्देश्य उस बीहड़ क्षेत्र के आसपास बसे गरीब आदिवासियों के गांवों में तरह तरह के सहायता पंहुचाना, शिविर का आयोजित कर निःशुल्क बस्त्र वितरण, मेडिकल कैम्प के माध्यम से उन ग्रामीण आदिवासी लोगों के चिकित्सा करवाना तथा उन्हें निःशुल्क दवाई देना आदि ।
यह आश्रम गरीब बच्चों के लिए स्कूल भी चलाते हैं एवं आदिवासी गरीब बच्चों को शिक्षा देते हैं उनको निःशुल्क पुस्तक कपी पेन आदि भी देते हैं। यह सब काम आश्रम को संचालित करने वाले मानवता के लिए समर्पित ब्रह्मचारी साधु संत लोग विभिन्न शहरों के डाक्टर, नर्स, समाजसेवी तथा दान दाताओं से संपर्क करते हैं। तथा उनसे सहयोग मांगते हैं। इसी तरह उनके निस्वार्थ सेवा भाव को देखते हुए बहुत से डाक्टर, नर्स, समाज सेवी व व्यावसायी उद्योग पति लोग बीच- बीच में सहर्ष दान तथा सहायता करते रहते हैं। कुछ अनुदान बाहर से जरूर मिलता है लेकिन आश्रम चलाने के लिए अपर्याप्त है। कई सहृदय वाले डॉक्टर स्वतः आग्रह दिखाते हुए आश्रम के माध्यम से गरीब आदिवासी ग्रामीण लोगों को चिकित्सा करते हैं। कुछ व्यावसायी लोग कंबल गरम कपड़ा व अन्य वस्त्रादि का दान देते हैं उन आदिवासी गरीबों में बांटने के लिए। उसी कड़ी में राधा विनोद आश्रम की ओर 9 दिसंबर को आदिवासी गांव नागिड़ा में एक शिविर आयोजित किया गया था। इस शिविर में गरीब आदिवासियों के लिए जो वस्त्रों का वितरण किया गया था वह दुर्ग के जाने माने व्यावसायी कैलाश कुमार जैन बरमेचा ने मुक्तकंठ साहित्य समिति के माध्यम से निःशुल्क वस्त्रों का वितरण करवाया। कैलाश कुमार जैन बरमेचा द्वारा दान में दिया गया वस्त्रों का वितरण हेतू मुक्तकंठ साहित्य समिति के अध्यक्ष गोविंद पाल उनका प्रतिनिधि बनकर गरीब आदिवासियों में वस्त्र वितरण किया। इसके अलावा मेडिकल कैम्प आयोजित किया गया था जिसमें रायपुर के एम बी बी एस, एम डी, डाॅ आर. के. दास एवं उनका पूरा टीम वहां पंहुच कर डेड़ सौ से अधिक ग्रामीण लोगों के स्वास्थ्य की जांच की तथा बीमार लोगों को चिकित्सा कर उनको दवाईयां दी। मैडिकल कैम्प के लिए डॉ दास के टीम में भिलाई दुर्ग रायपुर के अलावा उस क्षेत्र के कई पढे लिखे युवा लोगों ने मदद की । इस अवसर पर वृंदावन आश्रम इस्कॉन कमिटी के चेयरमैन स्वीजरलैंड से विंदा देवी दासी (परिवर्तित नाम) शिविर में उपस्थित होकर समस्त कार्यों में हाथ बटाई। शिविर में उपस्थित होकर सहयोग करने वालों में से प्रमुख रूप से पुलिन बिहारी पाल, सत्येन्द्र गाईन, परितोष सरकार, सुबीर राय, हरीश भास्कर, के अलावा आश्रम के संत ब्रह्मचारियों में विष्णु दास, उत्तम दास के अलावा देवाशीष मल्लिक, निमाई मंडल, अमल सरकार, नताशा तालुकदार, पिया सरकार, रुपानी सरकार, रिंकी पाण्डेय, रेखा सरकार आदि लोगों ने सहयोग दिये।
