

भिलाई । छत्तीसगढ़ राज्य जो कि शुरू से और निर्माण के बाद भी शांति और धन्य धन का प्रतीक माना जाता था छत्तीसगढ़ अब आतंकवादी, नक्सली तथा पुलिस को वांछित सरगनाओ का सुरक्षित ठिकाना बन गया है। भिलाई के स्मृति नगर में छुपकर रह रहे आतंकवादी वजीहुद्दीन की गिरफ्तारी के पहले भी मिलाई में कई बड़ी गिरफ्तारियां हुई है वजीउद्दीन स्मृति नगर के एसबीआई कॉलोनी में गुपचुप तरीके से रह रहा था। उत्तर प्रदेश पुलिस की एंटी टेरेरिस्ट स्क्वाड ने उसे गिरफ्तार किया। बताया गया कि पकड़े गए आतंकवादी का तार आई एस आई एस से जुड़ा हुआ है । आरोपी फिरदौस नगर अलीगढ़ जनपद, उत्तरप्रदेश का रहने वाला है। 3 महीने से वह सुपेला, स्मृति नगर में रह रहा था। उसकी गतिविधियां संदिग्ध थी और यूपी पुलिस को उसके बारे में कुछ इनपुट भी मिले थे।
इसके पहले आंध्र प्रदेश के एक कुख्यात नक्सली लीडर को भिलाई के फरीद नगर में पकड़ा गया था। इसी तरह मॉडल टाउन में गुजरात के एक गैंगस्टर महिला को पुलिस ने पकड़ा था।
चूंकि भिलाई दुर्ग में बड़ी आतंकी घटनाएं सामने नहीं आती है, इसलिए देश विरोधी तत्व भिलाई को अपने छुपने का बेहतर ठिकाना के रूप में देखते हैं। छत्तीसगढ़ की आंतरिक सुरक्षा के लिए उक्त तत्व कब बड़ा खतरा बन जाए, कहा नहीं जा सकता। 90 के दशक में अकाली दल के एक बड़े लीडर की हत्या का आरोपी दुर्ग में फरारी काट रहा था। नक्सलियों का अर्बन गैंग दुर्ग भिलाई को अपने लिए बढ़िया ठिकाना समझता हैं।
बस्तर इलाके की नक्सलवादी घटनाओं को छोड़ दिया जाए तो छत्तीसगढ़ देश का सबसे शांत इलाका है । यहां की जनसंख्या भी अन्य राज्यों के तुलना में कम है । यहां के लोग शांत और अपने काम से मतलब रखने वाले हैं । लिहाजा अवांछित तत्व यहां छुपकर रहना सुरक्षित समझते हैं। लेकिन अब तेजी से बढ़ते शहरीकरण के इस युग में दुर्ग भिलाई की सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौबंद करने की दरकार है। आज जब नक्सली घटनाओं पर काफी हद तक अंकुश लग चुका है, लाल आतंक खात्मे के दौर में है, तब ध्यान रखना होगा कि छत्तीसगढ़ किसी अन्य आतंकी नेटवर्क का हिस्सा न बनें।
छत्तीसगढ़ राज्य की भौगोलिक संरचना ऐसी है कि यह सात राज्यों की सीमा को टच करती है। महाराष्ट्र का नागपुर छत्तीसगढ़ की सीमा से मात्र कुछ सौ किलोमीटर दूर है। तेलंगाना राज्य के प्रमुख शहर बस्तर क्षेत्र से लगे हुए है। पूर्वी हिस्सा उड़ीसा, पूर्वोत्तर में झारखंड, उत्तरप्रदेश व बिहार जैसे राज्य हैं। छत्तीसगढ़, मुंबई हावड़ा रेल मार्ग से पूरी तरह कनेक्टेड है। अन्य राज्यो में अपराध कर छत्तीसगढ़ में पनाह लेना आतंकियों के लिए आसान है।
सिमी यानी स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) का गठन 1977 में मोहम्मद अहमदुल्ला सिद्दीकी ने किया था, जिसका रायपुर आना जाना लगा रहता था।
बहरहाल, छत्तीसगढ़ की आंतरिक व बाह्य सुरक्षा के लिए यूपी की तरह एंटी टेरेरिस्ट सेल का गठन करने पर विचार किया जा सकता है। आसपास के अन्य राज्यो में बढ़ते दबाव के चलते देश विरोधी तत्व छत्तीसगढ़ में नेटवर्क फैलाने की कोशिशें करते रहे हैं।
रोजी-रोटी की तलाश में देश के अन्य प्रांतों से छत्तीसगढ़ आकर बसने वाले लोग कहते हैं कि छत्तीसगढ़ की आबो हवा में अद्भुत सा सुकून है। अन्य राज्यों के तुलना में यहां के लोग शांतिप्रिय हैं । यहां व्यापार व्यवसाय करने में कोई अड़चन नहीं आता। असामाजिक तत्वों का बोलबाला कम है । बदमाशो व माफियाओं का राज यहां कभी कायम नहीं हो सका है। अन्य राज्यों से छत्तीसगढ़ आकर रोजी-रोटी चलाने वाले शांति प्रिय लोगों के लिए छत्तीसगढ़ एक बेहतरीन स्थान है । मगर अराजक तत्वों की पहचान करने के लिए यहां किसी सरकारी एजेंसी का होना जरूरी है। न जाने बलरामपुर से बस्तर के कोंटा तक एक हजार किलोमीटर की लंबाई में अवस्थित छत्तीसगढ़ में अभी कितने देश विरोधी तत्व छुपे बैठे होंगे।
वीआईपी जिले दुर्ग सहित छत्तीसगढ़ के अनेक स्थानों पर राजनीतिक संरक्षण में पाकिस्तान,रोहिंग्या,बांग्लादेशी भी फलने फूलने लगे है जिस पर प्रशासन का कोई अंकुश नहीं है ।यह राजनीतिक व प्रशासनिक निरंकुशता एक दिन शांतप्रिय छत्तीसगढ़ के लिए अभिशाप न बन जाए।
