

भिलाई। भारत भाग्य स्मारिका सम्मान से कविराज सम्मानित हुए एवम सवेरा किताब की विमोचन हुई। श्रीमती सोनिया सोनी की किताब “अहसास के पन्ने” श्रीमती आशा झा की किताब काव्य संग्रह”भावांजलि” तीनो साहित्यकारों को “कविराज” उनके अनवरत साहित्य साधना हेतु हिंदी संस्थान लखनऊ उत्तरप्रदेश द्वारा भारत भाग्य विधाता स्मारिका सम्मान से सम्मानित किया। जिसके अंतर्गत उन्हें स्वर्णिम शील्ड, गोल्डन पेन व प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। कविराज मिरी जी राष्ट्रीय भाषा हिंदी, छत्तीसगढ़ी व अंग्रेजी में लिखते हैं। आप एक अच्छे उम्दा लेखक होने के साथ साथ गीतकार, व्यंग्यकार भी है। फिल्म व गीतों की दुनिया में आपका महत्वपूर्ण स्थान है। आप जिस गीत को लिखते है उस गीत का गायन और अभिनय भी स्वयं करते है। आपका गाना यू ट्यूब में अपलोड है। आपके द्वारा रचित काव्य संकलन * सवेरा का विमोचन निराला सभागार लखनऊ में 17/09/2024 को हुई। आपके कृतित्व से पूरे राष्ट्र में राष्ट्रीय एकता की भावना धार्मिक भावना प्रबल होगी। नव पीढ़ी के लिए प्रेरणादाई होगी। श्रीमती आशा झा कवियित्री द्वारा वटवृक्ष और श्रीमती संजू सोनी द्वारा एहसासों के पन्ने किताब कविराज संतोष मिरी जी को भेंट कर सम्मानित किया।
स्वर्णकार भारती सेवा संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष शारदा शंकर सिंह द्वारा शील्ड भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय संयोजक योगेंद्र कुमार व महिला प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरोज सोनी, राष्ट्रीय सचिव श्रीमती सोनिया सोनी (संजू), कवियित्री आशा झा, कवि श्री जितेंद्र वर्मा जी आदि उपस्थित थे। यह सम्मान समारोह डीडी इंटरनेशनल होटल में आयोजित था। हिंदी संस्थान में कविराज मिरी जी ने अपने पत्नी को समर्पित कविता जानेमन, पिता को समर्पित कविता मेरे पिता और भींगी भींगी पलकें मन हुआ हल्के गाना गाकर पूरे सभा को मंत्रमुग्ध कर दिया। श्री संतोष कुमार मिरी का जन्म 04/03/1980 को हुआ था जो कि बिलासपुर छत्तीसगढ़ के मूल निवासी है। इनके पिता श्री आजू राम मिरी (कृषक), माताजी श्रीमती सोनी मिरी (कुशल गृहिणी) थे। वर्तमान में संतोष कुमार मिरी सहायक शिक्षक के पद पर शासकीय प्राथमिक शाला तरकोरी में पदस्थ है। इसके पूर्व छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल 13 BN बंगो कोरबा में सैनिक के पद पर पदस्थ थे। कवि जी बाल्यावस्था से ही मेधावी छात्र, बहुमुखी प्रतिभा के धनी व प्रतिभाशाली छात्र रहे है। इनकी शिक्षा बीए, एम ए हिंदी, कानून की पढ़ाई विप्र महाविद्यालय बिलासपुर से हुई। देश विदेश के समाचार पत्र पत्रिकाओं में लेख छपते रहते है। विशेष कर स्वर्णिम दर्पण, आर्या पब्लिकेशन का योगदान अग्रणी है।
