

दुर्ग जिला अस्पताल में बच्चा अदला-बदली का मामला पिछले कुछ दिनों से सुर्खियों में था। दो परिवारों कुरैशी और सिंह ने अस्पताल प्रशासन पर यह आरोप लगाया था कि उनके नवजात शिशुओं की अदला-बदली कर दी गई है। इस घटना के बाद से दोनों परिवारों में तनाव बना हुआ था, और वे अपने असली बच्चों को पाने के लिए जिला प्रशासन से न्याय की मांग कर रहे थे। जिला प्रशासन द्वारा डीएनए जांच के लिए दोनों नवजात शिशुओं और उनके संभावित माता-पिता के सैंपल लिए गए। इसके बाद, बाल कल्याण समिति के पास डीएनए रिपोर्ट बंद लिफ़ाफे में पहुंची, जिसे दोनों परिवारों की मौजूदगी में खोला गया
डीएनए रिपोर्ट में स्पष्ट हो गया कि अस्पताल में वास्तव में बच्चों की अदला-बदली हुई थी। रिपोर्ट के आधार पर जिला प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से दोनों बच्चों को उनके असली माता-पिता को सौंप दिया। इस फैसले के बाद दोनों परिवारों में खुशी की लहर दौड़ गई और उन्होंने जिला प्रशासन को धन्यवाद दिया।बच्चों के सही माता-पिता को मिलने के बाद दोनों परिवारों ने राहत की सांस ली।
